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    प्रस्तावना

    “विकास प्राधिकरण अथवा प्राधिकरण” से सम्पूर्ण राज्य के सम्बन्ध में उत्तराखण्ड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण (जिसे यहाँ आगे राज्य प्राधिकरण कहा गया है) और किसी विकास क्षेत्र के सम्बन्ध में स्थानीय विकास प्राधिकरण (जिसे यहाँ आगे स्थानीय प्राधिकरण कहा गया है) जो कि अधिनियम की धारा 4 के अधीन गठित एवं अधिसूचित है, अभिप्रेत है: परन्तु यह कि इस अधिनियम में जहाँ कहीं शब्द ‘प्राधिकरण’ आया है, जब तक कि राज्य प्राधिकरण के रूप में उसे अभिव्यक्त न किया गया हो, वह स्थानीय प्राधिकरण को संरचित करेगा : परन्तु यह और कि यदि इस अधिनियम की धारा 4 की उपधारा (1-क) के अधीन जारी अधिसूचना से राज्य सरकार द्वारा विकास क्षेत्र/क्षेत्रों के विस्तार को परिभाषित करते हुए घोषित कर दिया जाता है तो इस अधिनियम के अधीन नगरीय स्थानीय निकाय और ग्राम पंचायतें भी स्थानीय विकास प्राधिकरण/स्थानीय प्राधिकरण संरचित होंगे। ऐसे नगरीय निकाय और ग्राम पंचायतों के सम्बन्धित अधिकारी/व्यक्ति द्वारा इस अधिनियम की धारा 4 की उपधारा (1-क) के अधीन राजपत्र में अधिसूचना से राज्य सरकार द्वारा यथा निर्धारित शक्तियों का प्रयोग किया जायेगा;